भोरी-सखी-पद-अधर-मधुर-वैसे-

भोरी सखी पद | अधर मधुर राजत मुस्कान | भाव- श्री जी दासीПодробнее

भोरी सखी पद | अधर मधुर राजत मुस्कान | भाव- श्री जी दासी

भोरी सखी पद | अधर मधुर राजत मुस्कान | भाव - श्रीहित अम्बरीष जीПодробнее

भोरी सखी पद | अधर मधुर राजत मुस्कान | भाव - श्रीहित अम्बरीष जी

सुधि आवत खेल खिलैबे की | श्री भोरी सखी पद । श्रीहित अम्बरीष जीПодробнее

सुधि आवत खेल खिलैबे की | श्री भोरी सखी पद । श्रीहित अम्बरीष जी

भोरी सखी पद | लाडली प्यारी कबहुँ मेरी ताप हर के जाइयौ | भाव - श्रीहित अम्बरीष जीПодробнее

भोरी सखी पद | लाडली प्यारी कबहुँ मेरी ताप हर के जाइयौ | भाव - श्रीहित अम्बरीष जी

भोरी सखी पद | अधर मधुर वैसे मृदु बैना | भाव - श्रीहित अम्बरीष जीПодробнее

भोरी सखी पद | अधर मधुर वैसे मृदु बैना | भाव - श्रीहित अम्बरीष जी

भोरी सखी पद | सो पद कमल छटा मन भावै | भाव - श्रीहित अम्बरीष जीПодробнее

भोरी सखी पद | सो पद कमल छटा मन भावै | भाव - श्रीहित अम्बरीष जी

भोरी सखी पद | सोइ कर छाँह राखिये प्यारी | भाव - श्रीहित अम्बरीष जीПодробнее

भोरी सखी पद | सोइ कर छाँह राखिये प्यारी | भाव - श्रीहित अम्बरीष जी

भोरी सखी पद | जय जय राधे रूप उजारि | भाव - श्रीहित अम्बरीष जीПодробнее

भोरी सखी पद | जय जय राधे रूप उजारि | भाव - श्रीहित अम्बरीष जी

भोरी सखी पद | रसिकन की सत्संगति दीजे | भाव - श्रीहित अम्बरीष जीПодробнее

भोरी सखी पद | रसिकन की सत्संगति दीजे | भाव - श्रीहित अम्बरीष जी

भोरी सखी पद | कछु ना मांगू लाडली | Kachu Na Mangu Laadli | Shree Hita Ambrish JiПодробнее

भोरी सखी पद | कछु ना मांगू लाडली | Kachu Na Mangu Laadli | Shree Hita Ambrish Ji

भोरी सखी की चाह - ऐसौ दुख दीजै हिय माहीं - Shri Hit Premanand Govind Sharan Maharaj jiПодробнее

भोरी सखी की चाह - ऐसौ दुख दीजै हिय माहीं - Shri Hit Premanand Govind Sharan Maharaj ji

भोरी सखी पद | प्यारी मोहे ऐसो जीवन भावै | भाव - श्रीहित अम्बरीष जीПодробнее

भोरी सखी पद | प्यारी मोहे ऐसो जीवन भावै | भाव - श्रीहित अम्बरीष जी

भोरी सखी पद | इन नैनन को मोहे भरोसो | भाव - श्रीहित अम्बरीष जीПодробнее

भोरी सखी पद | इन नैनन को मोहे भरोसो | भाव - श्रीहित अम्बरीष जी

भोरी सखी पद | वा चितवन पे तन मन दीजे | भाव - श्रीहित अम्बरीष जीПодробнее

भोरी सखी पद | वा चितवन पे तन मन दीजे | भाव - श्रीहित अम्बरीष जी

भोरी सखी पद | वृन्दावन की ललित लतन में | भाव - श्रीहित अम्बरीष जीПодробнее

भोरी सखी पद | वृन्दावन की ललित लतन में | भाव - श्रीहित अम्बरीष जी

भोरी सखी पद | रंग भरी टहल कौन विधि पाऊँ | भाव - श्रीहित अम्बरीष जीПодробнее

भोरी सखी पद | रंग भरी टहल कौन विधि पाऊँ | भाव - श्रीहित अम्बरीष जी

Eso dukh dijo hiy mahi | ऐसो दुख दिजो हिय माही | भोरी सखी पद by Indresh Ji Upadhyay with lyricsПодробнее

Eso dukh dijo hiy mahi | ऐसो दुख दिजो हिय माही | भोरी सखी पद by Indresh Ji Upadhyay with lyrics

भोरी सखी पद | वन्दिय चातक मोर चकोरन | भाव - श्रीहित अम्बरीष जीПодробнее

भोरी सखी पद | वन्दिय चातक मोर चकोरन | भाव - श्रीहित अम्बरीष जी

भोरी सखी पद | कौन भाग्य पद पंकज पाऊँ | भाव - श्रीहित अम्बरीष जीПодробнее

भोरी सखी पद | कौन भाग्य पद पंकज पाऊँ | भाव - श्रीहित अम्बरीष जी